जहाँ तक जनपक्षधरता, लोकधर्मिता और सशक्त वैचारिकता का प्रश्न है रमाशंकर विद्रोही आज के दौर का एक महत्वपूर्ण नाम है. उनका सम्पूर्ण जीवन उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
लोकोदय प्रकाशन की ‘लोकोदय आलोचना श्रंखला’ के तहत रमाशंकर ‘विद्रोही’ पर केन्द्रित एक पुस्तक प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया है. इस पुस्तक का नाम ‘लोक का विद्रोही स्वर’ प्रस्तावित है. इस पुस्तक में उनके व्यक्तित्व, कृतित्व से सम्बंधित आलेख तथा संस्मरणों को सम्मिलित किया जाएगा.
इच्छुक रचनाकार मंगल फॉण्ट में टाइप किए हुए अपने आलेख तथा संस्मरण 15 मई तक प्रकाशन की ई-मेल पर भेज सकते हैं-
lokodayprakashan@gmail.com
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