लोकविमर्श आन्दोलन के तहत 2016 से जनपक्षीय व लोकधर्मी साहित्य को प्रकाशित कर कम मूल्य पर पाठक तक पहुँचाने की सहमति बनी थी । अत: इसी सहमति के तहत लखनऊ में 'लोकोदय' नाम से प्रकाशन का आरम्भ कर दिया गया है । प्रकाशन की सभी आवश्यक वैधानिक कार्यवाहियाँ पूरी हो चुकी हैं । व्यावसायिक फर्म के रूप में रजिस्टर्ड हो चुकी है । बिक्री हेतु विभिन्न शहरों में केन्द्र तय हो चुके हैं । नेट मे बिक्री हेतु बेवसाईट लांच हो चुकी है व कुछ प्रकाशनों के साथ मिलकर छोटे छोटे पुस्तक मेला आयोजित करने की भी बात तय हो चुकी है । लोकोदय का सारा काम श्रीमती नीरज सिंह को सौंपा गया है । साथियों द्वारा चन्दा करके कोष एकत्र कर लिया गया है । इस कोष से अभी कुछ छ: किताबों का प्रकाशन होगा जिसकी घोषणा वरिष्ठ चित्रकार कुँवर रवींद्र जी करेंगें । लोकोदय के कोष व व्यवस्था हेतु एक संचालन कमेटी है जिसमें आठ सदस्य हैं व किताबों के प्रकाशन की मन्जूरी एवं जाँच के लिए एक सम्पादन कमेटी का गठन किया गया है जिसमें पांच सदस्य हैं । लोकोदय के संविधान की कुछ खास बातें ये हैं -
१- किताब का मूल्य कम रखा जाएगा ताकि सभी खरीद सकें ।
२- केवल पेपर बैक संस्करण ही छपेगा ।
३-लोकविमर्श के साथियों ने रायल्टी न लेने की सहमति दी है इस रायल्टी को कोष में जमा किया जाएगा ।
४- पुरानी लोकधर्मी व वैचारिक किताबें जो आऊट आफ प्रिन्ट हैं उनका पुन: प्रकाशन होगा ।
५- बिक्री इत्यादि से एकत्र कोष द्वारा लोक साहित्य, लोक भाषा व इतिहास पर किताबों का प्रकाशन होगा ।
१- किताब का मूल्य कम रखा जाएगा ताकि सभी खरीद सकें ।
२- केवल पेपर बैक संस्करण ही छपेगा ।
३-लोकविमर्श के साथियों ने रायल्टी न लेने की सहमति दी है इस रायल्टी को कोष में जमा किया जाएगा ।
४- पुरानी लोकधर्मी व वैचारिक किताबें जो आऊट आफ प्रिन्ट हैं उनका पुन: प्रकाशन होगा ।
५- बिक्री इत्यादि से एकत्र कोष द्वारा लोक साहित्य, लोक भाषा व इतिहास पर किताबों का प्रकाशन होगा ।
भविष्य की इस बड़ी पहल के लिए हमारा साथ है. पवित्र और निःस्वार्थ संकल्प की आग से इस अभियान को एक ऐसी मशाल में तब्दील कीजिये जो पूरी शताब्दी को अपनी आभा से रौशन कर सके . भरत प्रसाद
ReplyDeleteजी भाई जी बिलकुल!
Deleteअच्छा प्रयास है, बधाई
ReplyDeleteआभार!
Deleteइस सद्प्रयास के लिए हार्दिक शुभ कामनाए एवम् बधाई ।
Delete'लोकोदय प्रकाशन' के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करती हूँ।इस सारस्वत अनुष्ठान में सहयोगी भूमिका निभाना स्वयं का सौभाग्य समझूँगी।
ReplyDeleteयह link साझा करने का आभार आदरणीय ब्रजेश नीरज जी।🙏🏼
'लोकोदय प्रकाशन' के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करती हूँ।इस सारस्वत अनुष्ठान में सहयोगी भूमिका निभाना स्वयं का सौभाग्य समझूँगी।
ReplyDeleteयह link साझा करने का आभार आदरणीय ब्रजेश नीरज जी।🙏🏼
आपका हार्दिक आभार!
Deleteसंपादक महोदय को हार्दिक शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteमेरा ब्लॉग भी आप लोकोदय से जोड़ने
की कृपा करें । आ0 बृजेश सिंह भाई साहब
का आभारी हूँ ।
आपका हार्दिक आभार! अपने ब्लॉग का लिंक देने का कष्ट करें!
Deleteमेरे ब्लॉग का लिंक है
Deleteteekheekalamse.blogspot.com
हम सब साथ हैं
ReplyDeleteहम आपके साथ हैं शुभकामनाएं लोकोदय परिवार कओ
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