Showing posts with label हमारे रचनाकार. Show all posts
Showing posts with label हमारे रचनाकार. Show all posts

Sunday, 2 November 2025

हिमांशु शेखर

 

जन्म बिहार के भागलपुर जिले के ध्रुवगंज गाँव में। बचपन के कुछ वर्ष पिता के साथ लाहौर में बीते। आठ वर्ष की उम्र में पहली कविता लिखी। प्रयागराज से प्रकाशित बटुक पत्रिका में पहली मैथिली कविता छपी। बाद में कई कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कादम्बिनी कल्याण आदि पत्रिकाओं में लेखन। बिहार राज्यभाषा परिषद से किताब और कुदाल नामक  प्रकाशित निबंध संग्रह पुरस्कृत हुआ। पटना कालेज में अंग्रेजी साहित्य का अध्यापन। गोल्ड मेडलिस्ट कानून ग्रैजुएट।

Thursday, 30 October 2025

रामचन्द्र कर्ण

 

    रामचन्द्र कर्ण नाम के अनुरूप ही मृदुभाषी एवं मिलनसार स्वभाव के हैं। सजगता तो इनके चेहरे पर ललकती रहती है। साहित्य के प्रति इनका रुझान बहुत प्रबल था लेकिन परिस्थितियाँ ने इनके कदम को गति नहीं लेने दिया। ‘‘समय पाय तरुवर फरहिं’’ की तरह सन 1971 में आपकी लेखनी सृजनशीलता की ओर चल पड़ी और तब से लगातार गतिमान है। समसामयिक विषयों पर इनकी कलम बखूबी चली है। बिना किसी लाग-लपेट के कर्ण अपनी बात बड़ी दृढ़ता के साथ सबके समक्ष रखते हैं। साहित्य साधना ने इनको ऊँचा स्थान ही नहीं दिलाया बल्कि कई ख्यातिलब्ध संस्थानों से सम्मानित भी कराया।

-    अनिल कुमार मिश्रा

सचिव ‘‘वातापनउमरिया, जि- उमरिया (म.प्र.)

अनुपम वर्मा

 

जनम महादेवी वर्मा की जन्मस्थली और दालमोठ के लिए मशहूर फर्रुखाबाद के एक बेहद पिछड़े गाँव अर्राहपहाड़ के दलित समुदाय में हुआ। पढ़ाई पड़ोसी गाँव की पाठशाला से शुरू होकर बुन्देलखण्ड के महोबा से होते हुए बृज प्रदेश के हसायन सासनी जैसे छोटे कस्बों तक आक़र हाथरस जिले तक आयी।

          गाँव, कस्बा, शहर सब अपने खालिस रूप में बेहद करीब से देखे जिनकी अंतरंगता ने कई जगह झकझोरा भी और अपनी छाप हमेशा के लिए मन में छोड़ दी। विडम्बना यह रही कि समाज में धड़ल्ले से फैली आँखों-देखी भोगी-सड़ांध ने बागी किस्म का बना दिया। लव कम अरेंज मैरिज के साइडइफेक्ट्स ने ज़िन्दगी को और ज्यादा सतही और रिश्तों के प्रति सफेद या काले जैसा नज़रिया अपनाने पर मजबूर कर दिया। फिर भाई के सुझाव से कलम को हथियार बनाया और आत्मकथांश के अलावा लक्ष्मी, छनैला, बदसूरत और अनुसुइया जैसी कहानियाँ लिखीं, जिन्हें पाठकों ने सराहा। इन सभी कहानियों में निज ने सीमाएँ तोड़ते हुए व्यापक रूप अख्तियार किया है।

 

 

राजीव मित्तल

 

जनम देश की राजधानी दिल्ली में और पढ़ाई का बड़ा समय उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीता..जहाँ मामला बी.ए. तक आते-आते चौपटाचार हो चला..दो आत्महत्याओं के प्रयासों के चलते हापुड़ चाचा के पास भेज दिया गया, जिन्होंने न केवल एम.ए. कराया बल्कि किताबों का संसार भी दिखाया.. इस मामले में उनसे भी ज़्यादा अभियान चलाकर पूरा विश्व साहित्य पढ़वाया लेखक और प्रकाशक अशोक अग्रवाल ने..

कैरियर नाम की बला सूचना विभाग, लखनऊ से उसी फर्स्ट डिवीज़नीय एम.ए. की बदौलत शुरू हुई, जो नवभारत टाइम्स, जनसत्ता, स्वतंत्र भारत, बिज़नेस इंडिया टीवी, सहारा टीवी, अमर उजाला से होती हुई दो अखबारों नई दुनिया, जबलपुर और मेरठ हिन्दुस्तान का संपादक बना गई..लेकिन अपनी लेखनी को चमकाने में सबसे बड़ा योगदान मुज़फ्फरपुर के पाँच वर्षों का है, जहाँ मृणाल पांडे ने हिन्दुस्तान का समाचार संपादक बनाकर इस सदी की शुरूआत में भेजा था..

लेखन को धारदार बनाने फेसबुक का बहुत शुक्रगुजार हूँ..अनुपम वर्मा नामका प्राणी भी मुझे फेसबुक पर मिला, जिसने मेरे जीवन में आये एक अवर्णीय हादसे से न केवल मुझे बचाया, बल्कि उबारा भी.. हमनवा जैसे धीर गंभीर एहसास को अर्थ देने में अनुपम ने मेरा साथ दिया..यह साथ बना रहे, यही दुआ है मेरी...

आमीन..

Sunday, 30 August 2020

नीरज सिंह

 


पिता- स्व. तेज बहादुर सिंह

माता- स्व. केवला देवी 

प्रकाशित कृतियाँ- कुँवर रवीन्द्र के कविता पोस्टर

               विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित

               ‘निर्झर टाइम्स’ में स्थायी स्तम्भ 

सम्पादन- लोकोदय त्रैमासिक पत्रिका

        शब्द व्यंजना मासिक ई-पत्रिका

सम्प्रति- प्रबंध निदेशक, लोकोदय प्रकाशन 

        महासचिव, लोकोदय संस्थान

ई-मेल- neerajsingh.mail@gmail.com

मोबाइल- 9695025923

पता- 65/44, शंकर पुरी, छितवापुर रोड, लखनऊ- 226001

स्वप्निल श्रीवास्तव


पूर्वी उ.प्र. के जनपद सिद्धार्थ नगर के ठेठ गाँव मेहनौना में 05 अक्टूबर 1954 को जन्म। शिक्षा-दीक्षा गोरखपुर से हुई। सेंटेंड्रयूज कालेज से स्नातक तथा गोरखपुर विश्वविद्यालय से एम.ए., एलएल.बी.। उ.प्र. सरकार के राजपत्रित अधिकारी के रूप में विभिन्न जनपदों में तैनाती।

प्रकाशित कृतियाँ-

कविता संग्रह- ईश्वर एक लाठी है, ताख पर दियासलाई, मुझे दूसरी पृथ्वी चाहिए, ज़िन्दगी का मुकदमा, जब तक है जीवन,

कहानी संग्रह- एक पवित्र नगर की दास्तान, स्तूप, महावत तथा अन्य कहानियाँ

पुरस्कार/ सम्मान- 1986 में कविता के लिए भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार, फिराक सम्मान (2006), केदार सम्मान (2016) एवं रूस का अंतर्राष्ट्रीय पुश्किन सम्मान

कविताओं के देश-विदेश की भाषाओं में अनुवाद

लखनऊ विश्वविद्यालय से कविताओं पर लघु शोध प्रबंध

सम्प्रति- फिलहाल फैजाबाद में स्थायी निवास और स्वतंत्र लेखन।

सम्पर्क- 510, अवधपुरी कालोनी, आमीनगंज, फैजाबाद- 224001

मो.- 09415332326

ई-मेल- swapnil.sri510@gmail.com

Wednesday, 1 January 2020

क़ाज़ी अज़मत कमाल

क़ाज़ी अज़मत कमाल मूल्यतः कस्बा "मौदहा" ज़िला हमीरपुर उ0 प्र0 के रहने वाले हैं। साधारण परिवार से ताल्लुक़ होने के साथ ही साधारण और सरल सोच के मालिक हैं। विलासिता और दिखावे से हद दर्जे तक परहेज़ है। श्री कमाल के अनुसार परिवार को सहेजकर कर रखना ही दुनिया में सबसे बड़ा कार्य है। इन्होंने बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक किया हुआ है। लेखक ज़िन्दगी में रिश्तों को विशेष अहमियत देते हैं। इनके अनुसार आपसी सौहार्द और भाईचारे ही जीवन का सार है। श्री कमाल के अनुसार "ज़िन्दगीं"के लिए मोहब्बत बहुत ज़रूरी है क्योंकि इंसान तो फना हो जाता है किन्तु आपका लोगों से किया गया स्नेहिल कार्य व्यवहार सदैव जीवंत रहते हैं। ज़िन्दगी की मुश्किल राहों में अपने परिवार और पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार और स्नेह के बोल,बोलकर तो देखिए जीवन में अभूतपूर्व सफलता के मार्ग जीवन में दृष्टिगोचर होंगे।]
          लेखन इनको अति प्रिय  है। अपने और दूसरों के जीवन के असाधारण दुःखों को समाप्त करने का प्रयास अपनी लेखनी के माध्यम से ही करने का प्रयास करते हैं।  कभी श्री वेद प्रकाश शर्मा पूर्व उपन्यासकार की मासिक पत्रिका तुलसी कहानियों के रिप्रजेंटेटिव रह चुके श्री क़ाज़ी अज़मत कमाल कहानियां आर्टिकिल,लेख और गज़ले लिखने का कार्य अंजाम दिया करते थे। पारिवारिक ज़िम्मेदारियो के बोझ ने श्री कमाल को कुछ नया करने को प्रेरित किया । फलस्वरूप श्री कमाल लेखन से अलग हुए। आज श्री कमाल ग्राम्य विकास विभाग में वरिष्ठ सहायक है। वक़्त भले ही गुज़रता गया पर श्री कमाल के अंदर के साहित्यकार ने दम नहीं तोड़ा। वो  जीवित रहा उनमें लेखन की चाहत कम न हो सकी। कहते हैं न जहां चाह होती है वहीं राह होती है। आज श्री क़ाज़ी अज़मत कमाल की पहली किताब आपके सम्मुख है। आशा है आप इसे पसंद फरमाएंगे ।
क़ाज़ी अज़मत कमाल

Thursday, 31 October 2019

डॉ वन्दना गुप्ता



जन्मः 16 जुलाई 1966, राठ उत्तर प्रेदश

शिक्षाः एम.ए (हिन्दी) बी.एड.पी.एच.डी.

कार्यः 1996-1998 प्रियदर्शिनी पब्लिक स्कूल कुल्टी प.बं. अध्यापन
     1999-2014 आदर्श विद्यामंदिर हाईस्कूल (उ.मा.) बनारहाटजलपाईगुड़ी (प.ब.) में अध्यापन

सम्प्रति: डॉ राजेन्द्र प्रसाद गल्र्स हाई स्कूल (उ.मा.) सिलीगुड़ी में अध्यापन

कृतित्व: अस्मिता की तलाश (काव्य संग्रह) 
       देश की विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं - दोआबा, भाषा स्पंदनमुक्तांचल, प्राची, साहित्य           त्रिवेणी, चौपाल, तिस्ता हिमालय, नेपाल से निकलने वाली पत्रिका हिमालिनी इत्यादि             पत्रिकाओं में कई कविताओं को स्थान।
       आकाशवाणी कर्सिंयाग से कविताओं, वार्ताओं व परिचर्चाओं का प्रसारण
       विभिन्न नाटकों का मंचन व संचालन।

पताः ड्रीम वैली, दागापुर ब्लाक-2, पांचवां तल, सिलीगुड़ी- 734003,
     जिला- दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल)

मो.: 9434809556, 8250402961

ई-मेलः vandnagpt3@gmail.com


Tuesday, 11 July 2017

प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा

नाम - प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
जन्म तिथि - 15- 09- 1953 (पन्द्रह सितम्बर सन उन्नीस सौ तिरपन)
जन्म स्थान - लखनऊ
पिता - स्व. सुघर सिंह कुशवाहा - पशु चिकित्सक 
माता - स्व. विमला कुशवाहा - शिक्षिका 
शिक्षा - बी.एससी., बी.एड., एलएल.बी. 
लेखन विधाएँ - गद्य, कविता, कहानी, लेख, नाटक, नौटंकी 
लेख प्रकाशन - प्रमुख पत्रिकाएँ, समाचार पत्र 
साझा संकलन - परों को खोलते हुए भाग- 1, सारांश समय का, काव्य सुगंध भाग- 2 व 3, सृजन सागर भाग- 2 व 3, काव्या सतत साहित्य यात्रा
प्रकाशित पुस्तकें- खुलती परतें (काव्य संग्रह), आत्म जन अध्यात्म कार्यक्रम पुस्तिका, चलें पोरबन्दर
साहित्यिक गतिविधियाँसाहित्य संगम मंच, अलिवर्णपाद छंद मंच, चुटकी मंच तथा अंतर्राष्ट्रीय साहित्य-साधना मंच इत्यादि का संचालन, लोकोदय तथा संवेदन संस्था व मर्सी क्लब के संरक्षक, संस्कार भारती व आदर्श साहित्य परिषद के सदस्य, आत्मजन सामाजिक संस्था (विमला देवी सुघर सिंह कुशवाह फाउंडेशन) के संस्थापक, दैनिक लोहिया क्रांति के संवाददाता, भूतपूर्व प्रदेश महासचिव भारतीय कृषक दल   
सम्प्रति सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, प्रदेश सलाहकार एकलव्य छात्रशक्ति सेवा समिति
निवास - 569/166 ka, बारा बिरवा, कानपुर रोड, एल.डी.ए. कॉलोनी, लखनऊ, (उ.प्र.), भारत
मोबाईल - 9415580987
ईमेल - pkkushwaha987@gmail.com
twiter- pkkushwaha987
ब्लॉग - kushwaha-voice.blogspot.com
विशेष - दैनिक जागरण, स्वतंत्र चेतना, राष्ट्रीय एकीकरण टाइम्स, विश्व विधायक, निर्झर टाइम्स, दरभंगा टाइम्स, शब्द व्यंजना, प्रयास इत्यादि में रचनाओं का प्रकाशन, संस्कार सुगंध- मासिक पत्रिका, अट्टहास, लखनऊ महोत्सव2012 में प्रकाशित पत्रिका ‘आत्मा’ में कविता की पंक्तियों को स्थान, ओपन बुक्स ऑनलाइन - माह अप्रैल, 2014 की सर्वश्रेष्ठ रचना-'आदमी', अखिल भारतीय अगीत परिषद द्वारा वर्ष 2016 में सम्मानित (प्रो० केशरी नारायण शुक्ल 'किशोरी')
अनुराधा प्रकाशन, नयी दिल्ली द्वारा 2015 में 'राष्ट्र भाषा रत्न' तथा 2016 में 'काव्य गौरव', कविता लोक द्वारा काव्य रत्न सम्मान

प्रवर्तक - अलिवर्णपाद छंद, चुटकी

प्रद्युम्न कुमार सिंह



नाम- प्रद्युम्न कुमार सिंह
काम - पढना लिखना समाजसेवा
संपादन - लोकविमर्श में सहसंपादक
संगठन - जनवादी लेखक संघ बाँदा में जिला सचिव
विधा - कविता, आलोचना
प्रकाशन - लहक, लोकविमर्श, रस्साकसी, प्रवासनामा, अनहद, गाथान्तर, बाखली, व्यंजना, आकंठ, हिमतरू, दुनिया इन दिनों, कृतिओर, समकालीन, जागरण, माटी आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित
पता- हिन्दी प्रवक्ता
जे पी शर्मा इन्टर कालेज, बबेरू
जनपद- बाँदा, उत्तर प्रदेश

Sunday, 9 July 2017

भरत प्रसाद

नाम      -    डॉ भरत प्रसाद
जन्म      -    25 जनवरी, 1970 ई., ग्राम- हरपुर, जिला- संत कबीर  
               नगर (उत्तर प्रदेश)
माता-पिता  -    श्रीमती फूलमती देवी एवं श्री रामलखन त्रिपाठी
शिक्षा      -    एम. फिल., पीएच. डी. 
रुचियाँ          -    साहित्य, सामाजिक कार्य और पेंटिंग।
पुस्तकें         - और फिर एक दिन (कहानी संग्रह),        
                देसी पहाड़ परदेसी लोग (लेख संग्रह)    
                एक पेड़ की आत्मकथा (काव्य संग्रह)     
                नई कलम: इतिहास रचने की चुनौती (आलोचना) 
                सृजन की इक्कीसवीं सदी (लेख संग्रह)
                बीच बाजार में साहित्य (लेख संग्रह)
                चौबीस किलो का भूत (कहानी संग्रह)
सम्पादन      - जनपथपत्रिका के युवा कविता विशेषांक- सदी के शब्द   
                प्रमाणका सम्पादन
पुरस्कार      - 1. सृजन-सम्मान- 2005 ई. रायपुर (छत्तीसगढ़)
                      2. अम्बिका प्रसाद दिव्य रजत अलंकरण, वर्ष- 2008 ई.,  
                 भोपाल (मध्यप्रदेश)
                      3.  युवा शिखर सम्मान- 2011, शिमला (हिमाचल प्रदेश)
                      4. मलखान सिंह सिसौदिया कविता पुरस्कार- 2014 ई.,
                 अलीगढ़, (उ.प्र.)
                      5. पूर्वोत्तर साहित्य परिषद् पुरस्कार, शिलांग (मेघालय)
स्तम्भ-लेखन  -  परिकथापत्रिका के लिए ताना-बानाशीर्षक से स्तम्भ-
                लेखन (2008-2012ई.)
रचना-अनुवाद -   लेख और कविताओं का अंग्रेजी, बांग्ला एवं पंजाबी   

               भाषाओं में अनुवाद।
स्थायी पता   -  ग्राम-हरपुर, पोस्ट- पचनेवरी, जिला- संतकबीर नगर, 272271 (उ.प्र.)
वर्तमान पता   - एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय, शिलांग, 793022 (मेघालय)
          फोन - 0364-2726520 (आवास), मो. 0963076138, 09774125265

          ई-मेल- deshdhar@gmail.com

Saturday, 8 July 2017

प्रेम नंदन


जन्म:-25 दिसम्बर 1980, फरीदपुर, हुसेनगंज, फतेहपुर, उ.प्र.                                शिक्षा:- एम00(हिन्दी), बी0एड0।   
परिचयः-लेखन और आजीविका की शुरुआत पत्रकारिता से। तीन-चार वर्षों तक पत्रकारिता करने तथा लगभग इतने ही वर्षों तक इधर-उधर भटकनेके पश्चात वर्तमान में अध्यापन के साथ-साथ कविताएँ, कहानियाँ, लघु कथाएँ एवं समसामायिक लेख आदि का लेखन
प्रकाशनः- कविताएँ, कहानियाँ, लघु कथाएँ एवं समसामायिक लेख, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।
संपर्क- उत्तरी शकुन नगर, सिविल लाइन्स, फतेहपुर, 0प्र0-212601
दूरभाषः-09336453835
ईमेलः- premnandan10@gmail.com


Tuesday, 3 May 2016

बृजेश नीरज


नाम- बृजेश नीरज
पिता- स्व0 जगदीश नारायण सिंह गौतम
माता- स्व0 अवध राजी
जन्मतिथि- 19-08-1966
जन्म स्थान- लखनऊ, उत्तर प्रदेश
ईमेल- brijeshkrsingh19@gmail.com
निवास- 65/44, शंकर पुरी, छितवापुर रोड, लखनऊ-226001
सम्प्रति- उ0प्र0 सरकार की सेवा में कार्यरत
कविता संग्रह- कोहरा सूरज धूप 
साझा संकलन-त्रिसुगंधि’ (बोधि प्रकाशन), ‘परों को खोलते हुए-1’ (अंजुमन प्रकाशन), क्योंकि हम जिन्दा हैं (ज्ञानोदय प्रकाशन), ‘काव्य सुगंध-२ (अनुराधा प्रकाशन), अनुभूति के इन्द्रधनुष (अमर भारती)
संपादन- कविता संकलन- सारांश समय का
        अर्द्धवार्षिक पत्रिका- कविता बिहान में सह सम्पादक
        मासिक ई-पत्रिका- ‘शब्द व्यंजना के सम्पादक
सम्मान- विमला देवी स्मृति सम्मान २०१३
विशेष- जनवादी लेखक संघ, लखनऊ इकाई के कार्यकारिणी सदस्य 

केवल प्रसाद सत्यम


iwjk uke&          dsoy izlkn *lR;e*
tUe frfFk&         10-07-1963
tUe LFkku&         y[kuÅ] mRrj izns”k
firk dk uke&       Lo0 jkeQsj
ekrk dk uke&       Lo0 jkejrh
f”k{kk&               Lukrd
ys[ku fo/kk,a&         x|] i|] xty] leh{kk vkfn A
lkfgfR;d  xfrfof/k;kWa& izkjEHk esa psruk lkfgR; ifj’kn] vf[ky Hkkjrh; uoksfnr lkfgRdkj  ifj’kn]  y{; laLFkk] vf[ky Hkkjrh; vxhr ifj’kn rFkk vks0ch0vks0 y[kuÅ pSIVj] y[kuÅ vkfn ls tqM+s gSaA  ¼l`tu lkfgfR;d ,oa lkaLd`frd laLFkk] ifr ifjokj dY;k.k lfefr] Lo0 nkSyr nsoh Le`fr laLFkku rFkk vf[ky Hkkjrh; vxhr ifj’kn] }kjk le;≤ ij *lkfgfR;d lsokvksa* ,oa ^lekt ds xkSjo^ rFkk jksVjh egksRlo&2016 ls lEekfur fd;k tk pqdk gS½A
izdkf”kr jpuk,a&       ledkyhu dforkvksa dk laxzg& ijksa dks [kksyrs gq,&1 ¼lk>k ladyu½ o’kZ 2013] NUnksaa ij vk/kkfjr muds NUn fo/kkuksa lfgr&^^NUnekyk ds dkO;&lkS’Bo^^ o’kZ 2015
lEizfr&               m0 iz0 jkT; ljdkj esa iz”kklfud vf/kdkjh ds in ij dk;ZjrA
iwjk irk&              ch&5] dkS”ky iqjh] [kjxkiqj xkserh uxj foLrkj]
                       y[kuÅ fiu&226010
eksckby la[;k&         9415541353
bZ&esy&                satyamkewalprasad@gmail.com
fo”ks’k&                y[kuÅ vkdk”kok.kh ,oa y[kuÅ nwjn”kZu ds dk;ZØeksa esa izfrHkkxh Hkh jgkA y[kuÅ iqLrd esyk o vU; eapksa ij dkO; ikB vkfnA


उमा शंकर सिंह परमार



नाम – उमाशंकर सिंह परमार
काम- पढना, लिखना, समाज सेवा, किसान आन्दोलन से जुडाव, जनवादी लेखक संघ उत्तर प्रदेश का सदस्य 
विधा- आलोचना, कभी कभार कविता
प्रकाशन –  हिंदी की प्रमुख पत्रिकाओं जैसे कृति ओर, हिमतरु, नयापथ, हंस, प्रयाग पथ, सप्तपर्णी, दुनिया इन दिनों, प्रसंग, स्वाधीनता, वर्तमान साहित्य, जनपथ, लहक, जागरण, रस्साकसी,  गाथांतर, आदि में आलेखों का प्रकाशन|
 महत्वपूर्ण ब्लॉगों में प्रकाशन, लोकविमर्श ब्लॉग एवं आलोचना पत्रिका का लोकविमर्श का संपादन, गाथांतर के समकालीन कविता अंको का संपादन 
पता – द्वारा रमेश चन्द्र रस्तोगी, कालेज गेट के सामने, बाँदा रोड बबेरू, जनपद बाँदा २१०१२१

फोन – ०९८३८६१०७७६ 

Sunday, 1 May 2016

संध्या सिंह


नाम ---- संध्या सिंह
जन्म – २० जुलाई १९५८
जन्म स्थान – ग्राम लालवाला, तहसील देवबंद, जिला सहारनपुर.
 शिक्षा  ---- स्नातक विज्ञान मेरठ विश्वविद्यालय
सम्प्रति  -- कुछ पत्र पत्रिकाओं में नियमित लेखन, हिन्दी के प्रचार प्रसार से जुडी साहित्यिक गतिविधियों में एवं काव्य पाठ में निरंतर सहभागिता, दूरदर्शन पर भी काव्य पाठ एवं कई पत्रिकाओं के परामर्श मंडल में सम्पादन सहयोग, इसके अतिरिक्त स्वतन्त्र लेखन |
प्रकाशित पुस्तकें -- ---- एक साझा संकलन कविता समवेत परिदृश्य काव्य संग्रह का सह संपादन, एक प्रकाशित काव्य संग्रह आखरों के शगुन पंछी‘. इसके अतिरिक्त सह संपादन में एक साझा संकलन ‘इत्र महकता मन का प्रकाशनाधीन एवं एक अपना गीत संग्रह ‘मौन की झंकार‘ प्रकाशनाधीन|