Wednesday 1 January 2020

क़ाज़ी अज़मत कमाल

क़ाज़ी अज़मत कमाल मूल्यतः कस्बा "मौदहा" ज़िला हमीरपुर उ0 प्र0 के रहने वाले हैं। साधारण परिवार से ताल्लुक़ होने के साथ ही साधारण और सरल सोच के मालिक हैं। विलासिता और दिखावे से हद दर्जे तक परहेज़ है। श्री कमाल के अनुसार परिवार को सहेजकर कर रखना ही दुनिया में सबसे बड़ा कार्य है। इन्होंने बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक किया हुआ है। लेखक ज़िन्दगी में रिश्तों को विशेष अहमियत देते हैं। इनके अनुसार आपसी सौहार्द और भाईचारे ही जीवन का सार है। श्री कमाल के अनुसार "ज़िन्दगीं"के लिए मोहब्बत बहुत ज़रूरी है क्योंकि इंसान तो फना हो जाता है किन्तु आपका लोगों से किया गया स्नेहिल कार्य व्यवहार सदैव जीवंत रहते हैं। ज़िन्दगी की मुश्किल राहों में अपने परिवार और पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार और स्नेह के बोल,बोलकर तो देखिए जीवन में अभूतपूर्व सफलता के मार्ग जीवन में दृष्टिगोचर होंगे।]
          लेखन इनको अति प्रिय  है। अपने और दूसरों के जीवन के असाधारण दुःखों को समाप्त करने का प्रयास अपनी लेखनी के माध्यम से ही करने का प्रयास करते हैं।  कभी श्री वेद प्रकाश शर्मा पूर्व उपन्यासकार की मासिक पत्रिका तुलसी कहानियों के रिप्रजेंटेटिव रह चुके श्री क़ाज़ी अज़मत कमाल कहानियां आर्टिकिल,लेख और गज़ले लिखने का कार्य अंजाम दिया करते थे। पारिवारिक ज़िम्मेदारियो के बोझ ने श्री कमाल को कुछ नया करने को प्रेरित किया । फलस्वरूप श्री कमाल लेखन से अलग हुए। आज श्री कमाल ग्राम्य विकास विभाग में वरिष्ठ सहायक है। वक़्त भले ही गुज़रता गया पर श्री कमाल के अंदर के साहित्यकार ने दम नहीं तोड़ा। वो  जीवित रहा उनमें लेखन की चाहत कम न हो सकी। कहते हैं न जहां चाह होती है वहीं राह होती है। आज श्री क़ाज़ी अज़मत कमाल की पहली किताब आपके सम्मुख है। आशा है आप इसे पसंद फरमाएंगे ।
क़ाज़ी अज़मत कमाल

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