Tuesday, 14 May 2019

एक किताब बच्चों के लिए


बच्चों को कविता के बात सबसे ज्यादा कहानियाँ भाती हैं। कभी दादी-नानी, माँ-बुआ, चाची-मौसी आदि कहानियाँ सुनाती थीं। जाड़े की रातों और गर्मियों की छुट्टियों में कहानियाँ सुनने को नहीं मिलती थीं, तो बच्चों को लगता था कि उन्हें कुछ अच्छा सा खाने-पीने को नहीं मिला है।

अब तो बच्चों पर बस्ते का बोझ ही बहुत अधिक रहता है। स्कूल से मिलने वाला रोज का काम; मतलब होम-वर्क भी कितना ज्यादा होता है! खेलने को भले न मिले, लेकिन स्कूल से मिला काम तो बच्चों को करना ही है।
आज दादी-नानी की कहानियों की भरपाई या खेल की भरपाई के लिए एक बेहतरीन उपाय कहानियों की एक अच्छी किताब ही हो सकती है। ‘‘लल्ला और बिट्टी‘‘ बच्चों के लिए कहानियों की एक ऐसी ही किताब है, जिसको पढ़ते हुए बच्चे बेशक ही बोल पड़ेंगे- ‘‘अरे वाह! यह तो गाँव-शहर के हमारे जैसे बच्चों की ही कहानियाँ हैं।
- बन्धु कुशावर्ती,

No comments:

Post a Comment