डॉ. यशपाल निर्मल
प्रेस विज्ञप्ति
श्रीनगर 27 सितंबर, 2024
‘अनुवाद के क्षेत्र में आज अपार अवसर और संभावनाएं हैं’ यह शब्द जम्मू कश्मीर सरकार में सहायक संपादक, राजभाषा डॉ. यशपाल निर्मल ने शिवाजी विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा महाविद्यालय एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र एवं हिंदी विषयांतर्गत व प्लेसमेंट सेल के द्वारा हिंदी पखवाड़े के उपलक्ष्य में ‘हिंदी अनुवाद का महत्व एवं रोजगार के अवसर’ विषय पर विशेष ऑनलाइन व्याख्यान में बोलते हुए कहे।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर के माननीय कुलसचिव, डॉ. वी एन. शिंदे ने की। इस कार्यक्रम में आदरणीय डॉ. यशपाल निर्मल को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थित के तौर पर दूर शिक्षण व आनलाइन शिक्षण केंद्र, शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर के संचालक आदरणीय प्रो. डी. के. मौरे जी, और दूर शिक्षण व आनलाइन शिक्षण केंद्र, शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर के उपकुलसचिव आदरणीय श्री वी. बी. शिंदे जी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के आरंभ में दूर शिक्षण व आनलाइन शिक्षण केंद्र, शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर के समन्वयक डॉ. के. बी. पाटिल ने सभी अतिथियों, शोध छात्रों और विद्यार्थियों का औपचारिक तौर पर विधिवत स्वागत और अभिनन्दन किया। तत्पश्चात दूर शिक्षण व आनलाइन शिक्षण केंद्र, शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर के समन्वयक डॉ. एस.वाय. चोपड़े ने विस्तारपूर्वक मुख्य वक्ता श्री यशपाल निर्मल का परिचय करवाया। उन्होंने कहा कि यशपाल निर्मल की विभिन्न विधाओं और भाषाओं में अब तक 80 के करीब पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। इन्हें अनुवाद के क्षेत्र में साहित्य अकादमी, नयी दिल्ली का 2014 का पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। इसके अलावा असंख्य सम्मान और पुरस्कार यशपाल निर्मल के नाम हैं।
यशपाल निर्मल ने अपने व्याख्यान में कहा, कला, संस्कृति, शोध, योग, विज्ञान के ज्ञान के लिए अनुवाद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अतः यह देखा जा सकता है कि आज के समय में अनुवाद का महत्व बढ़ता जा रहा है। विश्व संस्कृति में हिन्दी अनुवाद का विशेष महत्व है। लोकप्रिय साहित्य के अनुवाद की मांग बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि राजभाषा हिंदी में अनुवाद के क्षेत्र में रोजगार की आपार संभावनाएं हैं। सरकारी कार्यालयों में अधिकतर राजभाषा अनुवादकों और भाषा अधिकारियों की आवश्यकता बनी रहती है। वहीं केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नयी दिल्ली शब्दावली आयोग, नीति आयोग, केंद्रीय भाषा संस्थान मैसूर, साहित्य अकादमी, राज्य की साहित्य और भाषा अकामियां, केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो, राष्ट्रीय अनुवाद मिशन, एन.सी.ई.आर.टी. इत्यादि असंख्य संस्थान हैं जो अनुवाद पर कार्य कर रहे हैं और अनुवाद के क्षेत्र में व्यापक रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा रहे हैं।
इसके साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनियां, मीडिया संस्थान और मनोरंजन उद्योग में भी अनुवादकों के लिए रोजगार के अपार अवसर उपलब्ध हैं।
डॉ. सी. ए. बंडगर ने मुख्य वक्ता और सभी अतिथियों का औपचारिक तौर पर विधिवत धन्यवाद किया। प्रो. एस. डी. भोसले ने कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन किया।
No comments:
Post a Comment